1 भाग
311 बार पढा गया
33 पसंद किया गया
शीर्षक = प्यार, धोखा और इंतेक़ाम आरुशी आज सुबह से ही बहुत खुश थी , और निरंतर घर के कामों में अपनी माँ शांति देवी जी का हाथ बटा रही थी ...