अय्याश--भाग(३४)

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बंसी कमरें के भीतर आते ही बोला.... लीजिए! आप दोनों का नाश्ता,खा लीजिए, काका! तुम नाश्ता रख दो,मैं बाबू जी लिए परोस देती हूँ,संगिनी बोली।। ठीक है बिटिया! मैं बाद में ...

अध्याय

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