अनकहे जज्बात..3

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लफ़्ज़ों से जो कह ना सकी , उन्हें आंखो से कैसे समझाऊं मैं। प्यार भरा इस हृदय में कितना उसे तुम्हे कैसे दिखलाऊं मैं। तुम्हारी आंखे है इतनी गहरी गर देखूं ...

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