है मुमकिन नहीं

1 भाग

343 बार पढा गया

20 पसंद किया गया

गीत प्रीत में जो समर्पण किया है प्रिये, वो कभी भी भुलाना है मुमकिन नहीं। अपना उर तुमने अर्पण किया है प्रिये, अब तुम्हें आजमाना है मुमकिन नहीं।। मेरे मन ने ...

×