आसमान

1 भाग

284 बार पढा गया

8 पसंद किया गया

विषय:-- स्वैच्छिक आसमान से तारा टूटा। अपना मन बंधन से छूटा।। मुक्त हुए...जीवन भुक्त हुए ..! जीवन- रीत पुरानी है।  दुनिया आनी- जानी है ।। रूप मनुज का धारण कर, लिखता ...

×