सज़ा

1 भाग

190 बार पढा गया

6 पसंद किया गया

वो दिल मे गुस्से का उबार लिए बैठें है ना जाने किससे इतना गुस्सा उधार लिए बैठें है ना हमने पूछा ना उन्होंने बताई खता हमारी मगर जब से हमने कहा ...

×