1 भाग
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हे कलयुग के मानव तू भूलगया सब शिष्टाचार। तू मानवता भूला भूल गया आपस का सब प्यार।। याद रहा है केवल धन कमाना और ब्यभिचार। आपस में बैर रखना और याद ...