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जिन ऑंखों ने देखे थे कभी सुनहरे सपने उन्हें तो तोड़ डाले है उनके ही अपने । उन ऑंखों में सपने नहीं अब मायूसी झलकती है परिवार के साथ नहीं अकेले ...