1 भाग
62 बार पढा गया
2 पसंद किया गया
नफ़रत की चासनी में मिठास घोल रहे हैं ! अपने ही देखो अपनो से जल रहे हैं ! मुस्कान भी अब चेहरे पर बोझ लग रही है ! अश्कों के पानी ...