मैं खुद एक ग़ज़ल हूं-main khud ek gazal hun-best hindi Ghazal by ℕ 𝕂𝕦𝕞𝕒𝕣

81 भाग

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मंजिल एक शिखर है, चढ़कर देखो। कभी उन सितारों को, पकड़ कर देखो। अक्सर लौट जाते हो, आकर मेरी जद में, कभी हद से आगे भी, बढ़ कर देखो। हर काफीये ...

अध्याय

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