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प्रतियोगिता हेतु हमने कितने कष्ट उठाए, इन अनजानी राहों पर। कांटों में भी हम मुस्काए, इन अनजानी राहों पर।। कहीं नदी की धारा ने भी , अपना रस्ता रोका था। कहीं ...