सेवा सदन मुंशी प्रेमचंद

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सेवासदन मुंशी प्रेमचंद (भाग-1) 1 पश्चाताप के कड़वे फल कभी-न-कभी सभी को चखने पड़ते हैं, लेकिन और लोग बुराईयों पर पछताते हैं, दारोगा कृष्णचन्द्र अपनी भलाइयों पर पछता रहे थे। उन्हें ...

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