लेखनी प्रतियोगिता -29-Mar-2022क्षणभुंगर जीवन

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हे मानव तू इतना गुमांन क्यौ करता है। अपने आगे हर किसी को तुच्छ समझता है।। तू बुरे भले का भेद नहीं कर सकता है। तू ऊपरवाले से भी तनिक नहीं ...

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