1 भाग
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विषय:-- स्वैच्छिक छिटक रही है चांदनी,निखर रहा है रंग। पुलकित है मन की कली, पाकर तेरा संग।। रूप मधुर मोहिता, दीवाना सा प्यार। आए जीवन रागिनी,पा लेंगे संसार।। जब से मैंने ...