1 भाग
151 बार पढा गया
10 पसंद किया गया
दोहा पर्वत से सरिता चली, मन में लिए उमंग। जैसे विरहिन चाहती, कोई पिया का संग।। सागर के जल से मिली, सरिता की जल धार। सरिता सरिता ना रही, हुई सिंधु ...