मुक्ति विषय

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विषय,:-- स्वैच्छिक दिल को छूता हाथ तुम्हारा , मन का संबल बन जाता है । कदम मिलाकर साथ चलें,तो,  सफर सुहाना कहलाता है ।। जब तुम पास नहीं होते तो, मन ...

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