उपन्यास-गोदान-मुंशी प्रेमचंद

121 भाग

102 बार पढा गया

3 पसंद किया गया

गोदान यह तमाचा लगाकर गोबर आगे निकल गया। झिंगुरी मन में ऐंठकर रह गये। लौंडा कितने घमंड की बातें करता है, मानो धर्म का अवतार ही तो है। इसी तरह गोबर ...

अध्याय

×