उपन्यास-गोदान-मुंशी प्रेमचंद

121 भाग

87 बार पढा गया

1 पसंद किया गया

... मैं क्या कहूँ? ' 'मैं तुम्हीं पर छोड़ता हूँ। ' 'मैं तुम्हारे दोनों बैल खोल ले जाऊँगा। ' होरी ने उसकी ओर विस्मय-भरी आँखों से देखा, मानो अपने कानों पर ...

अध्याय

×