डायरी में कैद सपने (भाग 20)

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हम अद्भुत जी को खुश ही तो देखना चाहते है। फिर साथ रहे या अलग क्या फर्क पड़ता है। एक छत के नीचे अजनबी रहने से अच्छा है दुनिया की भीड़ ...

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