बेख़ुदी

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मुहब्बत की बेख़ुदी में हम तो  हर सितम को सह जा रहे हैं !  यादों के समुंद्र में अश्कों को  हम तो बहाए जा रहे हैं ! निभाई वफाओं की सौगातें ...

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