अजब कशिश है तेरी बातों में

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अजब कशिश है तेरी बातों में अजब कशिश है तेरी साँसों में डूब जाऊं मैं आज इनमें खोकर अजब कशिश है तेरी आंखों में खींचती है अब मुझको अक्सर भींचती है ...

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