डॉक्टर और बेरोज़गारी

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क्या हो गयी सबकी निरोगी काया कोई नहीं मेरे दर पर आया जहाँ लगा करती थी लंबी लाइन वहाँ पड़ी देखो अकाल की छाया क्या हो गयी सबकी निरोगी काया कोई ...

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