सनम और शायरी-2

1 भाग

207 बार पढा गया

10 पसंद किया गया

आज जमाने में,  मोहब्बत की बड़ी रुसवाई है।।  हुस्न की सरिता मगर,  प्यासों को मय तक लायी है।।  ऐ जालिम तुम शौक से,  कहते हो, मुझको बेवफा।।  पर सितमगर तू भी ...

×