ज़ख्मों का दर्द

1 भाग

226 बार पढा गया

9 पसंद किया गया

ज़ख्म हैं वो सारे  आज भी हरे तुने जो मुझे दिए, कुछ यूं है हाल  उन जख्मों का  हम चाह कर भी ना भर सकें; चुभती हैं हर लम्हा वो यादें ...

×