जीवन का खेल

1 भाग

156 बार पढा गया

7 पसंद किया गया

खुशियों के पल, बीत चुके हैं लम्हे मोहब्बत के, टूट चुके हैं।  सफर में बस, तन्हाइयां बची हैं जिंदगी की जंग से, मन अब हार चुका है।  ऐ जिंदगी अब, तुझसे ...

×