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कभी कभी अक्सर कुछ ख्याल यूं ही मन में आते हैं। क्यों हैं ये रिवायतें, उलझी सी जहां की। क्यों है ये इनायतें, बिन मांगी सी। हकीकत का फसाना क्यों नही ...