1 भाग
132 बार पढा गया
11 पसंद किया गया
कविताःआदर्श पगपग पर धरकर ईमान चलें हम सबन साथ तब उतरेगा प्रेम मय आकाश प्रभु बसेरा डालेंगे प्रेम की मुरली बाचेंगे तब सर्वत्र सुख सजेगा आदर्श ग्राम तब बसेगा। **** सीमा..✍️ ...