एक मुट्ठी इश्क़--भाग(२)

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गुरप्रीत ,मां की बातों को अनसुना करके अपनी ही दुनिया मे मगन रहतीं, सहेलियों के साथ खेंतों में दिनभर घूमती तो कभी बकरियों के झुंड के साथ,कभी कभी सैर करने नहर ...

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