बारिश फिक्शन...

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ओह माय गॉड ये बारिश भी न, क्यूं चली आती है ये हर पल, सड़क पर चलते हुए चांदनी  ऊपर देखते हुए बड़बड़ाई। लगता है आज फिर उसी कैफे मे जाने ...

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