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सुबह ----------● सुबह अपने अस्तित्व की पहचान ढूंढती है कहाँ है सत्य का मोल प्रमाण ढूंढती है तम का बोध है ,तम का ही साम्राज्य है किधर है किरण उम्मीद की,निशान ...