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कविता ःबावरा सा मन अबूझ सपनों में खोए सपनों को हकीकत में ढूढे खिले कुसुम संग खिलता जाए खुशबू बन फिजाओं में महके तितलियों के हसीं रंगोंमें अपनी दुनिया बुने बड़ा ...