1 भाग
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घनाक्षरी हो प्रहार बार-बार , शत्रु मारे ललकार, तो जरा भी ना कोई, विचार होना चाहिए। दे दो अधिकार पार, सीमा के करो प्रहार, सैनिकों के शौर्य का, आभार होना चाहिए।। ...