कविता ःअजीब दौर

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विषय ः अजीब दौर ★★★★★★★★ आज हवाओं में घुला है जहर साँसों पर प्रतिबंध लगा साँस--साँस को तरस रहे हम जीना मुहाल हुआ आसमान को छूने चले हम धरती बेहाल हुई विकास ...

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