ग़ज़ल -23-Nov-2021

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आरजू सारी अधूरी की अधूरी रह गई। रात भर थे साथ लेकिन बात सारी रह गई । 💗 मैंने सोचा था बता दूंगा मैं दिल की कैफियत। सामने उसके न कुछ ...

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