कविता ःबालविवाह

1 भाग

243 बार पढा गया

5 पसंद किया गया

कविता ःबाल विवाह *****-----****** गुड़िया का ब्याह रचाना था मुझको पायल चूड़ी बिंदी संग सजाना था उसको बाबुल तूने ये क्या किया गुड़िया की जगह मुझको बिठा दिया मैं तुमपर इतनी ...

×