विकास

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विषय :--"विकास" सावन कभी,तो फागुन कभी,तो कभी आषाढ लेते हैं! पैसों की लालसा में,खुद अपना छप्पर फाड़ लेते हैं!घुट-घुट कर मर जाती है मां,नालायक बेटों के पीछे, उम्र भर जो बेटे,अपनी ...

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