1 भाग
106 बार पढा गया
6 पसंद किया गया
तू है जैसे खाब कोई, नींद हूँ मैं तू रात कोई हूँ मैं तू मैं मुसाफिर तू है रास्ता धूप-छाँव सा अपना वास्ता हर दुआ में मैं मांगू इनायत तेरी, हर ...