1 भाग
125 बार पढा गया
8 पसंद किया गया
कविता ः कविता ःअमानत ★★★★★★★★ यह जीवन 'उसकी ' अमानत अनमोल है यह जिसकी न होगी भरपाई कभी चार दिनों की जिंदगी है,चंद साँसों संग कर्मरथ पर चलें हम लेकर सुकर्म ...