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💕💕 ग़ज़ल 💕💕 तुम्हारे शहर का जाने रिवाज कैसा है। पूछता कोई नही है मिज़ाज कैसा है। ❤️ ना कोई रखते सफर ना कोई महरम अपना। बीमारे इश्क का का जाने ...