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" बचपन " नासमझ हूं मुश्किल है समझ पाना " बचपन " था मेरा कितना सयाना मासूमियत भरा अल्हड़ और बेबाक़ी ज़रा ज़रा मस्तमौला थोड़ा सा दीवाना जवानी रहती है भागदौड़ ...