1 भाग
83 बार पढा गया
5 पसंद किया गया
चाँदनी हो #या क्या हो -----------------------------● छिटक रही हो जो मेरी देहरी से दिल तक चाँदनी कहो ,तुम चाँद की नूर हो या कविता बरबस ही चाँद के साथ नजर आ ...