●---🍁चाँदनी हो #या क्या हो🍁---●

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चाँदनी हो #या क्या हो  -----------------------------● छिटक रही हो जो मेरी देहरी से दिल तक चाँदनी कहो ,तुम चाँद की नूर हो या कविता बरबस ही चाँद के साथ नजर आ ...

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