तूने भृकुटी तान दी

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गीत पढ़ा लिखा कर योग्य बनाया, और तुझको पहचान दी। वृद्ध  पिता  लाचार  हुआ  तो,तूने भृकुटी तान दी।। अथक परिश्रम किया उन्हौने,कष्ट बहुत सा झेला था। उनके कांधे पर चढ़ कर,तू ...

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