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🌹🌹🌹🌹ग़ज़ल 🌹🌹🌹🌹 दुश्मनी दिल से किसी रोज़ भुलाए तो सही। वो मुझे अपने कलेजे से लगाए तो सही। कुछ न कुछ हल तो निकल आएगा मेरे यारो। बैर क्या है उसे ...