कुछ तो हक जताया कर

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कभी तुझसे ना भी पूछूं, फिर भी सब बताया कर खामोशी के पीछे छिपी उदासी मेरी तू भी पहचान जाया कर थोड़ा सा ही सही मगर कुछ तो हक जताया कर ...

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