1 भाग
17 बार पढा गया
1 पसंद किया गया
1. तुम कहो तो रूप का एक दरीचा खोल दूं, गर्म चुम्बनों की महक को ग़ज़ल में घोल दूं! त्रासदी-कुण्ठा-घुटन से नाज़ के पर ...