1 भाग
12 बार पढा गया
0 पसंद किया गया
शीर्षक - मेरी हकीकत... सोच आपकी गुमान न कर ए इंसान तू फरिश्ता नहीं है। बस यही पाया और यही छोड़ कर जाना है। बस हकीकत तो मेरी आपकी सबकी होती ...