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शीर्षक - मेरी हकीकत... सोच आपकी गुमान न कर ए इंसान तू फरिश्ता नहीं है। बस यही पाया और यही छोड़ कर जाना है। बस हकीकत तो मेरी आपकी सबकी होती ...