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मुनीम मनसुख लाल जमींदार साहब के खलिहान में चारपाई पर लेटकर धूप सेंक रहे थे,तभी रामकृपाल अहीर उनके पास आकर बोला.... "मुनीम जी! हम दूध दूह लिए हैं,अब जात हैं" "ठीक ...