लेखनी कहानी -15-May-2024

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भुल ना था पश्चाताप के आलम में मैअपना वजूद खोज रहा विग्रह् के मनोरम मे मै रख कलम कुछ सोच रहा क्यो मैं अपने मां बाप की भूल था उम्मीद उनकी ...

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