विश्वासघात

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विश्वासघात  समान हो या मन हो। मन दर्पण होता है। भाव भक्ती में जब तक हृदय नही, साफ दिल नही भगवान भी नही आते। दोस्ती भी हो खुलापन हो साफ दिल ...

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