तेरी जुल्फों से

1 भाग

101 बार पढा गया

5 पसंद किया गया

रोशनी छनकर तेरी जुल्फों से आने लगी  ये आँखे भी कैसे कैसे ख्वाब दिखाने लगी  हँसती थी कभी ये भी दीदार-ए-यार से  अब तो उनकी तस्वीर भी इनको रुलाने लगी  बस ...

×